Monday, June 25, 2012

ANANDAM KAVYA GOSHTI -DEV MANI PANDEY SAMMAN


आनंदम काव्य गोष्ठी व देवमणि पाण्डेय सम्मान समारोह (23 जून 2012) प्रेमचंद सहजवाला जगदीश रावतानी की संस्था ‘आनंदम: संगीत व साहित्य’ सभा के एक विशेष कार्यक्रम में दि. 23 जून 2012 को सुपरिचित कवि गीतकार देवमणि पाण्डेय को सम्मानित किया गया. यह कार्यक्रम नई दिल्ली के हिमालय हाऊस, कस्तूरबा गाँधी मार्ग स्थिति ‘मैक्स न्यू योर्क’ के सभागार में शाम 5.30 बजे से 8.30 तक हुआ तथा सुविख्यात कवि व भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व सचिव बालस्वरूप राही ने इस की अध्यक्षता की. कार्यक्रम में जाने माने गीतकार व आकाशवाणी दिल्ली के स्टेशन निदेशक लक्ष्मीशंकर वाजपेयी व अवामी सहारा टी.वी. चैनल के डायरेक्टर हसन काजमी मुख्य अतिथि रहे. श्री देवमणि पाण्डेय लोकप्रिय कवि हैं जिनके दो काव्य संग्रह ‘खुशबू की लकीरें’ और ‘अपना तो मिले कोई’ प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने कई फिल्मों, धारावाहिकों व एल्बमों के लिये गीत लिखे हैं. फिल्म ‘पिंजर’ के लिये लिखे उनके गीत ‘चरखा चलाती माँ...’ को वर्ष 2003 को ‘वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गीत’ का पुरस्कार मिला था. श्री देवमणि पाण्डेय उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में होने जा रहे विश्व हिंदी सम्मलेन में भी भाग ले रहे हैं. अध्यक्ष श्री बालस्वरूप राही ने श्री देवमणि को एक शाल व एक मोमेंटो भेंट किये जिस के बाद मुख्य अतिथियों तथा श्री बालस्वरूप राही ने श्री देवमणि की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ दी. सम्मान के पश्चात इस समारोह में हिंदी उर्दू के कई शायरों कवियों ने काव्यपाठ किया. अध्यक्ष बालस्वरूप राही के आग्रह पर श्री काजमी ने एक गज़ल पेश की जिसे तलत अज़ीज़ ने गया था. मतला: खुबसूरत है आँखे तेरी, रात को जागना छोड़ दे खुद ब खुद नींद आ जायेगी तू मुझे सोचना छोड़ दे. देवमणी पाण्डेय ने भी अपनी कुछ गजलें प्रस्तुत की. मतला: क्या पता था इश्क अपना हादसा हो जाएगा देखते रह जायेंगे हम तू जुदा हो जाएगा अन्य शायरों में दर्द देहलवी मजाज अमरोहवी वीरेंद्र कमर अजय अक्स आदि थे. कुछ शेर: जीने के हालात नहीं, मरना बस की बात नहीं (दर्द देहलवी) वो क्या समझे परेशानी किसीकी, जिसे कोई परेशानी नहीं है (सैफ सहरी) आप भी महफ़िल में हमको यूँ ही रुसवा करते हो हम तोहीने महफ़िल है तो महफ़िल से उठ जाए क्या (अजय अक्स). श्री बालस्वरूप राही ने अध्यक्षीय भाषण में श्री देवमणि पाण्डेय की प्रशंसी की व उन्हें बधाई व शुभकामना दी. उन्होंने अपनी एक गज़ल सुना कर सभागार को भावविभोर कर दिया: पहचान अगर बन न सकी तेरी तो क्या गम , कितने ही सितारों का कोई नाम नहीं है . ये शुक्र मना इतना तो इन्साफ हुआ है , तुझ पर ही तेरे क़त्ल का इलज़ाम नहीं  कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री जगदीश रावतानी ने अपनी एक गज़ल प्रस्तुत की. एक शेर: जब तल्क तुझ में अना है कौन चाहेगा तुझे बन के छोटा देख तू सबसे बड़ा हो जाएगा अंत में श्री अनिल वर्मा मीत ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

Sunday, June 17, 2012

BAL UTSAV


BAL UTSAVb> Sindhi Academy had conducted workshops in the different parts of Delhi for children in the summer vacation. Twenty four Groups were taught Singing, Dance and Drama.The training was imparted by renowned Directors. After attending the workshop all the children gave performances in the Shriram Center, Mandi House from 11th June to 14th June 2012. Function was named as Bal Utsav. The beautifully rendered performances justified the name. Every one who attended the show was spell bound and thrilled to see the excellent talent in the children. Performances comprised of five plays, ten dance dramas and nine singing items. . The Function was inaugurated by Smt Sheela Dixit, Chief Minister, Delhi. Dr Kiran Walia the Social Welfare, Women, Child Development and Language Minister was also present. Jagdish Rawtani compered the program all the four days. Ms Bhagya Mishra Secretary of Academy expressed her gratitudes to audience and her entire team for making the program extremely successful. Dr M.K. Jaitely Vice Chairman of the Academy was having all the praises for the secretary of the Academy. She deserves also as Sindhi Academy is very active specially after Madam Bhagya took over the charge as Secretary. All the very best to her and hope to see such marvelous performances in future also.