Friday, October 14, 2011

विचार घोष्टि



आध्यात्मिकता पर ‘आनंदम संगीत व साहित्य सभा’ की विचार गोष्ठी
रिपोर्ट – प्रेमचंद सहजवाला

जगदीश रावतानी की ‘आनंदम संगीत व साहित्य सभा’ अपनी मासिक काव्य गोष्ठी के अतिरिक्त प्रतिमाह एक विचार गोष्ठी का आयोजन भी करती है जिसमें विभिन्न विषयों पर कोई विशेषज्ञ अपने cविचार प्रस्तुत करता है और विशेषज्ञ के वक्तव्य के बाद उपस्थित लोग अपने प्रश्न प्रस्तुत करते हैं. दि. 27 सितंबर 2011 को नई दिल्ली के हिमालय हाऊस स्थित मैक्स न्यू योर्क सभागार में श्री चाँद भरद्वाज ने आध्यात्म विषय पर लगभग एक घंटे का एक सारगर्भित भाषण दिया. श्री भरद्वाज के भाषण की उपस्थित सभी लोगों ने इसीलिये प्रशंसा की कि वह वैज्ञानिक रूप से प्रामाणिक् तथा तर्कसंगत था, हालांकि उनकी बातों से कुछ उपस्थित लोग असहमत भी थे. अपनी बात कहने का श्री भरद्वाज को क्यों कि अपर्याप्त समय मिला था अतः यह निर्णय लिया गया कि इसी विषय पर एक और लंबा सत्र आयोजित किया जाएगा. लेकिन उनका यह कथन कि जहाँ भी ध्यान जाता है, ऊर्जा का प्रवाह द्रष्टव्य होता है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए तथा अपने इच्छित लक्ष्य पर एकाग्रता रखनी चाहिए. श्री जगदीश रावतानी ने अंत में श्री भरद्वाज व उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया तथा घोषणा की कि ‘आनंदम’ की अगली विचार गोष्ठी अक्टूबर के चौथे सोमवार को इसी स्थल पर होगी.