Friday, August 10, 2012

Jagdish Rawtani singing bhajans



ममता किरण के कविता संग्रह "वृक्ष था हरा भरा" पर चर्चा दिल्ली स्थित हिंदी भवन में ममता किरण के कविता- संग्रह ' वृक्ष था हरा भरा ' पर एक चर्चा गोष्ठी आयोजित की गयी जिसके मुख्य अतिथि थे आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह और अध्यक्ष थे प्रख्यात कवि केदार नाथ सिंह . चर्चा प्रारंभ करते हुए लोकायत के सम्पादक श्री बलराम ने कहा कि ममता किरण की कविताओं ने नारी विमर्श को नए आयाम दिए हैं .स्तंभकार एवं समीक्षक अनंत विजय ने इन कविताओं में आज के परिद्रश्य में टूटते रिश्तों को बचाने की कवयित्री की बेचैनी को रेखांकित किया ..सुविख्यात आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी ने इन कविताओं की सहजता एवं इनमे आम आदमी के दुःख-दर्द को अभिव्यक्ति देने की सराहना की . भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक दिनेश मिश्र ने कविताओं में आशावाद और सकारात्मक सोच को मूल्यवान बताया .सुप्रसिद्ध कथाकार ममता कालिया ने इन कविताओं में भाषा एवं शिल्प के अनूठे प्रयोगों की सराहना की तथा समसामयिक विषयों की नए बिम्बों के साथ प्रस्तुति का उल्लेख किया .उन्होंने कहा अब महिला लेखन बहुत सुदृढ़ हो चुका है जिसे ममता किरण जैसी कवयित्रियाँ बहुत आगे ले जायेंगी .प्रोफ़ेसर नामवर सिंह ने कहा कि संग्रह की छोटी- छोटी कविताएँ बहुत प्रभावशाली हैं ..उन्होंने ' चाँद' और ' हुनर' आदि कविताओं का वाचन भी किया .गोष्ठी के अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए कवि केदार नाथ सिंह ने ' अखबार', 'संबोधन', 'भाषा' ,'जन्म लूं ' आदि कविताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि ये कवितायेँ लिखी हुई कविताएँ न होकर बोली हुई कविताएँ हैं और यही इनकी बहुत बड़ी शक्ति है ..इनमे एक अनूठी लय है जो प्रभावित करती है . गोष्ठी का संचालन 'उद्भव ' संस्था के विवेक गौतम और धन्यवाद ज्ञापन ' कवितायन ' संस्था के चन्द्र शेखर आश्री ने किया .. गोष्ठी में हिमांशु जोशी , बाल स्वरुप राही ,.उदय प्रताप सिंह .डाक्टर कुंवर बेचैन. डॉक्टर दामोदर खडसे ,प्रेम जन्मेजय सहित अनेक कवि.एवं लेखक उपस्थित थे .